8th Pay Commission – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी की उम्मीद बन रही है। 8वें वेतन आयोग को लेकर जो चर्चाएं चल रही हैं, वो अगर सच होती हैं, तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त उछाल आ सकता है। इस बार बात 100-200 रुपये की नहीं, बल्कि सीधे 200 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी की हो रही है।
हर दस साल में केंद्र सरकार एक नया वेतन आयोग लागू करती है, ताकि कर्मचारियों को महंगाई और दूसरी ज़रूरतों के अनुसार बेहतर वेतन मिल सके। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ था और अब 1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू होने की पूरी उम्मीद है।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
सरकारी वेतन बढ़ाने का सबसे बड़ा आधार होता है फिटमेंट फैक्टर। ये दरअसल एक ऐसा गुणांक होता है, जिससे कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। यानी अगर आपकी बेसिक सैलरी 10 हजार थी, तो नई सैलरी 25 हजार 700 हो गई थी।
इस बार बात इससे भी बड़ी हो सकती है। कर्मचारी संगठनों की मानें तो वे सरकार से 3 या उससे ज्यादा का फिटमेंट फैक्टर तय करने की मांग कर रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार 1.92 से लेकर 3 तक के फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर रही है।
कितना बढ़ सकता है वेतन?
अगर 1.92 का न्यूनतम फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो जिसकी मौजूदा बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये है, उसकी सैलरी बढ़कर 34 हजार 560 रुपये हो जाएगी। मतलब करीब 92 प्रतिशत की बढ़ोतरी। वहीं अगर 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लगाया गया, तो वही सैलरी सीधे 51 हजार 480 रुपये तक पहुंच सकती है, यानी 186 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल।
अब सोचिए, अगर सरकार 3 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो 18 हजार रुपये की बेसिक सैलरी वाले कर्मचारी को 54 हजार रुपये तक मिल सकते हैं। यह बढ़ोतरी करीब 210 प्रतिशत तक की हो सकती है।
पेंशनर्स को भी मिलेगा फायदा
इस बढ़ोतरी का फायदा सिर्फ नौकरी में लगे कर्मचारियों को नहीं मिलेगा, बल्कि रिटायर हो चुके पेंशनर्स को भी इसका पूरा लाभ मिलेगा। जैसे अगर किसी की मौजूदा पेंशन 9 हजार रुपये है, तो नए फिटमेंट फैक्टर के बाद वही पेंशन 17 हजार से ज्यादा हो सकती है।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन आमतौर पर हर दस साल में नया वेतन आयोग आता ही है। 6वां वेतन आयोग 2006 में आया था, 7वां 2016 में और अब अगला 2026 में लागू हो सकता है।
हालांकि सरकार इस बार कुछ अलग भी कर सकती है। चर्चा है कि 8वां वेतन आयोग लागू करने के बजाय सरकार नई नीति बना सकती है जिसमें हर दो साल में स्वतः वेतन संशोधन हो। लेकिन फिलहाल कर्मचारी और यूनियनें पूरी उम्मीद लगाए बैठी हैं कि 8वां वेतन आयोग ही आएगा और उसमें फिटमेंट फैक्टर सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा।
कर्मचारियों की उम्मीदें और मांगें
कई कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि महंगाई के इस दौर में सिर्फ डीए बढ़ाकर काम नहीं चलेगा, सैलरी का ढांचा ही बदलना होगा। उनका कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में खाने-पीने से लेकर मकान और शिक्षा तक सब महंगा हो गया है, लेकिन सैलरी उतनी नहीं बढ़ी।
कुछ संगठनों ने तो साफ कहा है कि अगर इस बार फिटमेंट फैक्टर तीन से कम रखा गया, तो वे विरोध करेंगे।
कुल मिलाकर 8वां वेतन आयोग न सिर्फ एक नई उम्मीद है बल्कि करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स की जिंदगी को बेहतर बनाने का एक जरिया भी बन सकता है। अब बस नजरें सरकार पर टिकी हैं कि वो कब इस पर आधिकारिक ऐलान करती है और कितना फिटमेंट फैक्टर तय करती है।