8th Pay Commission – साल 2025 की शुरुआत में ही सरकारी नौकरी करने वालों के चेहरे खिल उठे हैं। अब चर्चा तेज हो गई है कि केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। हालांकि अभी तक आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन जानकारों का कहना है कि अप्रैल 2025 में इसकी घोषणा हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की जिंदगी में बड़ा बदलाव आने वाला है।
फिटमेंट फैक्टर फिर से चर्चा में
हर वेतन आयोग की तरह इस बार भी फिटमेंट फैक्टर को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। पिछली बार यानी 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिसके आधार पर सैलरी तय हुई थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है। इससे सीधा असर बेसिक सैलरी पर पड़ेगा और कुल इनकम में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
18 हजार से बढ़कर 51 हजार हो सकती है बेसिक सैलरी
अभी जो कर्मचारी 18 हजार रुपये प्रति माह बेसिक सैलरी पा रहे हैं, उनकी सैलरी सीधे 51 हजार रुपये के आसपास पहुंच सकती है। यानी करीब 33 हजार रुपये का सीधा फायदा। अगर इसमें डीए और बाकी भत्ते जोड़ें, तो कुल मिलाकर सैलरी में करीब 19 हजार रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। यह बढ़ोतरी सिर्फ वेतन में नहीं बल्कि कर्मचारियों की पूरी आर्थिक स्थिति पर असर डालेगी।
क्या महंगाई भत्ता भी सैलरी में जुड़ जाएगा
एक और बड़ी उम्मीद यह जताई जा रही है कि इस बार महंगाई भत्ते यानी डीए को बेसिक सैलरी में शामिल किया जा सकता है। अभी डीए 55 फीसदी के आसपास है, जो पहले 53 फीसदी था। अगर इसे मर्ज कर दिया गया, तो कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा उछाल आएगा और आगे चलकर मिलने वाले सभी भत्ते इसी नई बेसिक पर तय किए जाएंगे।
नई सैलरी स्लैब से और क्या-क्या बदलेगा
सिर्फ सैलरी नहीं, बल्कि मकान किराया भत्ता, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, मेडिकल क्लेम और पेंशन जैसी चीजों में भी बढ़ोतरी होगी। रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए भी यह अच्छी खबर है, क्योंकि उनकी पेंशन भी बढ़े हुए बेसिक वेतन के आधार पर तय होगी। यानी यह बदलाव सिर्फ वर्तमान कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि रिटायर्ड लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा।
कब से लागू होगा 8वां वेतन आयोग
भारत में हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू होता है। पिछला वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। उसी हिसाब से अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। हालांकि कर्मचारी यूनियन चाहती है कि इसे पहले लागू किया जाए, ताकि महंगाई से राहत मिल सके।
सरकार के सामने क्या चुनौतियां होंगी
इस बदलाव से सरकार के खजाने पर भारी असर पड़ेगा। लाखों कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार को अतिरिक्त बजट की जरूरत होगी। लेकिन अगर देखा जाए तो इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट मिलेगा। क्योंकि जब लोगों के पास ज्यादा पैसे होंगे तो वे ज्यादा खर्च करेंगे और बाजार में डिमांड बढ़ेगी।
कर्मचारियों की उम्मीदें क्या हैं
अभी तो केंद्रीय कर्मचारियों की निगाहें सरकार पर टिकी हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार सैलरी में वाकई दमदार बढ़ोतरी होगी। कई संगठन यह भी चाहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर को 3 के आसपास किया जाए ताकि सैलरी में अधिकतम बढ़ोतरी हो सके। बढ़ती महंगाई और रोजमर्रा की जरूरतों को देखते हुए यह मांग भी काफी जायज लगती है।
8वां वेतन आयोग केवल वेतन वृद्धि का मसला नहीं है, यह लाखों परिवारों की उम्मीदों से जुड़ा मामला है। अगर सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाती है, तो यह ना सिर्फ कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगा बल्कि देश की आर्थिक रफ्तार को भी तेज करेगा। अब देखना यह है कि सरकार कब तक इसका ऐलान करती है और इसमें किन-किन बातों को शामिल किया जाता है।