Gold Price Today – 4 मई 2025 को सोने और चांदी के भाव में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रहे करेक्शन के बाद सोना आज 2500 रुपये तक सस्ता हो गया है। वहीं, चांदी भी 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नीचे आ गई है। इससे पहले 22 अप्रैल 2025 को सोने का रेट 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर तक पहुंचा था।
सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी
22 अप्रैल के बाद से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। आज, 4 मई 2025 को 24 कैरेट सोने का रेट करीब 95,600 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जबकि 22 कैरेट सोना 87,550 रुपये के आस-पास कारोबार कर रहा था। इससे पहले कल सोने में 2,300 रुपये तक की भारी गिरावट आई थी, और आज फिर 250 रुपये और टूट गया है।
क्या ये सोने में निवेश का सही समय है?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यही सही समय है गोल्ड में निवेश करने का? विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार आ रही गिरावट निवेश के लिहाज से एक अच्छा अवसर हो सकता है। हालांकि, यह भी जरूरी है कि आप यह समझें कि क्या यह गिरावट आगे और गहराएगी या अब भाव स्थिर रहेंगे। यदि आप लंबे समय के लिए सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो ये गिरावट आपके लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है। लेकिन शॉर्ट टर्म निवेशक को थोड़ी और सटीकता के साथ बाजार की दिशा का अनुमान लगाना होगा।
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दिल्ली, मुंबई समेत प्रमुख शहरों में सोने का रेट
4 मई 2025 को दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में सोने का रेट कुछ इस प्रकार था:
शहर का नाम | 22 कैरेट रेट (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट रेट (₹/10 ग्राम) |
---|---|---|
दिल्ली | 87,750 | 95,660 |
मुंबई | 87,550 | 95,510 |
चेन्नई | 87,550 | 95,660 |
कोलकाता | 87,750 | 95,510 |
जयपुर | 87,750 | 95,660 |
लखनऊ | 87,750 | 95,660 |
बंगलुरु | 87,550 | 95,510 |
पटना | 87,550 | 95,510 |
चांदी की कीमत भी लुढ़की, अब 1 लाख से नीचे
चांदी की कीमत भी 4 मई 2025 को 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम रही। यह भाव काफी समय के बाद 1 लाख रुपये के नीचे आया है। कल की तुलना में चांदी 1,000 रुपये सस्ती हुई है, और यह भी स्पष्ट करता है कि चांदी के बाजार में दबाव बना हुआ है। इससे पहले चांदी 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास घूम रही थी, लेकिन अब ये कीमत फिर से नीचे आ गई है।
सोने की कीमत कैसे तय होती है?
भारत में सोने की कीमत कई फैक्टरों पर निर्भर करती है। इनमें प्रमुख हैं:
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- अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव – गोल्ड की कीमत वैश्विक बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रभावित होती है।
- रुपया और डॉलर के बीच विनिमय दर – जब डॉलर मजबूत होता है तो सोने की कीमतें बढ़ती हैं और जब रुपया मजबूत होता है, तो सोने की कीमतें गिर सकती हैं।
- सरकारी टैक्स पॉलिसी – भारत सरकार द्वारा सोने पर लगने वाले टैक्स भी इसके दामों पर असर डालते हैं।
- लोकल डिमांड और त्योहारी सीजन – दिवाली, शादी के मौसम या अन्य बड़े त्योहारों में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमत में इजाफा होता है।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह?
अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं तो ये गिरावट आपके लिए एक अच्छा एंट्री प्वाइंट हो सकता है। लेकिन शॉर्ट टर्म में, ये उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, इसलिए शॉर्ट टर्म निवेशकों को थोड़ा और इंतजार करना बेहतर हो सकता है। जब तक सोने की कीमतें स्थिर न हो जाएं, तब तक थोड़ा सतर्क रहना अच्छा रहेगा।
गिरावट के बीच निवेश का मौका या खतरा?
सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट के बाद बाजार में मिश्रित भावनाएं हैं। एक ओर, निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों के लिए ये गिरावट चिंता का कारण भी बन रही है। अगर आप निवेश करने जा रहे हैं, तो पहले बाजार की दिशा और वैश्विक संकेतों पर ध्यान देना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह गिरावट कुछ समय तक जारी रहती है, तो आने वाले समय में और भी निवेश के अवसर खुल सकते हैं।
हालांकि सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आ रही है, लेकिन ये उतार-चढ़ाव सामान्य बाजार बदलाव का हिस्सा हैं। अगर आप सोने में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो अब एक अच्छा समय हो सकता है, लेकिन इस दौरान सही रणनीति और बाजार की दिशा को समझना बेहद जरूरी है।