Bank Locker Rule – अगर आप भी कीमती गहने, ज़रूरी कागज़ात या कोई भी खास चीज़ें बैंक लॉकर में सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो पहले नए नियमों के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है। RBI ने साल 2025 से कुछ बदलाव किए हैं जो हर लॉकर यूजर को ध्यान में रखने चाहिए। इससे न सिर्फ आपका सामान सुरक्षित रहेगा, बल्कि भविष्य में कोई परेशानी भी नहीं होगी।
1. अब करना होगा नया एग्रीमेंट
जो लोग पहले से बैंक लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं और जिन्होंने 31 दिसंबर 2024 तक लॉकर के लिए एग्रीमेंट साइन किया है, उन्हें अब नया एग्रीमेंट करना होगा। RBI के नए नियमों के मुताबिक, सभी पुराने ग्राहकों को संशोधित शर्तों के अनुसार नए एग्रीमेंट पर साइन करके बैंक में जमा करना होगा। इससे लॉकर यूजर और बैंक के बीच जिम्मेदारियों और अधिकारों को लेकर कोई भ्रम नहीं रहेगा। अगर आप ये प्रक्रिया पूरी नहीं करेंगे तो लॉकर सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
2. बैंक चुनने से पहले सोच-समझकर फैसला लें
बैंक लॉकर लेने से पहले बैंक का चुनाव करना बहुत जरूरी है। हमेशा ऐसा बैंक चुनें जो आपके घर या ऑफिस के पास हो ताकि बार-बार आने-जाने में परेशानी न हो। साथ ही अगर आपका उस बैंक में पहले से खाता है, तो लॉकर खुलवाना और भी आसान हो जाता है क्योंकि आपको दोबारा दस्तावेज नहीं देने पड़ते।
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लेकिन अगर बैंक नया है, तो आपको पहले वहां अकाउंट खुलवाना होगा। इसके लिए पहचान और पते का प्रमाण, फोटो और पैन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स देने होंगे। आधार कार्ड को पते के सबूत के तौर पर मान्यता दी जाती है।
3. लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं
बैंक लॉकर का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आप अपने कीमती सामान को चोरी, नुकसान या आपदा से बचाकर रख सकते हैं। आमतौर पर लोग इसमें गहने, ज़मीन-जायदाद के कागज़, बीमा पॉलिसी, बचत बांड, पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज रखते हैं।
लेकिन ध्यान रहे, कुछ चीजें लॉकर में रखना सख्त मना है। जैसे कि कोई भी अवैध वस्तु, नशीले पदार्थ, विस्फोटक या कोई भी खतरनाक चीज़। अगर बैंक को शक होता है कि आपने नियमों का उल्लंघन किया है तो वो कार्रवाई भी कर सकता है।
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4. लॉकर फीस और भुगतान का तरीका
हर बैंक लॉकर के लिए एक सालाना फीस लेता है। ये फीस बैंक की ब्रांच, लोकेशन और लॉकर के साइज पर निर्भर करती है। मेट्रो सिटी या बिज़ी लोकेशन पर ब्रांच होने पर फीस थोड़ी ज़्यादा हो सकती है। इसलिए लॉकर लेने से पहले फीस और भुगतान के नियम अच्छे से समझ लेना चाहिए।
भविष्य में फीस भुगतान में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए आप ऑटो डेबिट का ऑप्शन चुन सकते हैं। इससे हर साल तय तारीख पर फीस आपके अकाउंट से कट जाएगी और आपको याद रखने की ज़रूरत नहीं होगी।
नॉमिनी बनाना है जरूरी
आज नहीं तो कल, ज़िंदगी में अनहोनी हो सकती है। ऐसे में अगर लॉकर में रखी चीज़ें किसी को मिलनी हैं तो उसके लिए नॉमिनी तय करना बेहद ज़रूरी है। अब RBI ने साफ कह दिया है कि हर लॉकर यूजर को नॉमिनी की जानकारी देना अनिवार्य है। इससे अगर लॉकर यूजर की मृत्यु हो जाती है तो उसका सामान सही हाथों तक आसानी से पहुंच सके।
बैंक की जिम्मेदारी और सुरक्षा उपाय
नए नियमों में बैंकों को सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मतलब, अब बैंक को लॉकर रूम में सीसीटीवी कैमरे, अलार्म सिस्टम और अन्य सुरक्षा उपकरण लगाने होंगे। अगर बैंक की लापरवाही से लॉकर को कोई नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई बैंक को करनी होगी।
लॉकर का इस्तेमाल नियमित रूप से करें
अगर आप लंबे समय तक लॉकर नहीं खोलते तो बैंक उसे ‘निष्क्रिय’ मान सकता है। ऐसी स्थिति में बैंक पहले आपको संपर्क करेगा, लेकिन अगर संपर्क नहीं हो पाया, तो बैंक नियमों के तहत लॉकर खोलकर सामान को सुरक्षित जगह पर रख सकता है। इसलिए समय-समय पर लॉकर जरूर इस्तेमाल करें और अपना मोबाइल नंबर, पता जैसे कॉन्टैक्ट डिटेल्स बैंक में अपडेट रखें।
बैंक लॉकर लेना जितना आसान लगता है, उसमें कुछ नियम और सावधानियां भी जुड़ी होती हैं। सही बैंक चुनना, नए एग्रीमेंट पर साइन करना, समय पर फीस भरना और नॉमिनी की जानकारी देना – ये सब जरूरी चीज़ें हैं जो आपके लॉकर को सुरक्षित और झंझट मुक्त बनाए रखेंगी। RBI के नए नियम ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, तो अगर आप लॉकर लेने की सोच रहे हैं या पहले से यूजर हैं, तो इन बदलावों को नज़रअंदाज़ बिल्कुल न करें।