RBI New Rules – अगर आपने होम लोन ले रखा है या लेने की सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके बहुत काम की है। दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने हाल ही में होम लोन से जुड़े कुछ नए नियम जारी किए हैं, जो आम लोगों के लिए राहत भरे हैं। इन नियमों का मकसद यही है कि जब भी ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव हो, तो उसका बोझ सीधे तौर पर ग्राहकों पर न पड़े और उन्हें लोन चुकाने में थोड़ी राहत मिले।
अब EMI या लोन की अवधि – चुनना होगा आपका फैसला
अब तक जब ब्याज दरें बढ़ती थीं, तो बैंक बिना पूछे आपके लोन की अवधि यानी टेन्योर बढ़ा देते थे, ताकि EMI न बढ़े। लेकिन ऐसा करने से कर्जदार को ज्यादा ब्याज देना पड़ता था। लेकिन अब RBI ने बैंकों को साफ निर्देश दिए हैं कि ग्राहक को विकल्प दिया जाए कि वो EMI बढ़ाना चाहता है, टेन्योर बढ़ाना चाहता है या फिर दोनों का थोड़ा-थोड़ा करके संतुलन बनाना चाहता है।
तो क्या हैं आपके पास विकल्प?
RBI के नए नियमों के मुताबिक, जब ब्याज दरें बढ़ेंगी, तो आपके पास ये तीन रास्ते होंगे:
- EMI बढ़ा लें – आप चाहें तो हर महीने की किस्त थोड़ी ज्यादा करके लोन की अवधि को वैसे ही बनाए रख सकते हैं। इससे लोन जल्दी खत्म होगा और ब्याज भी कम देना पड़ेगा।
- टेन्योर यानी लोन की अवधि बढ़ा लें – अगर आप EMI नहीं बढ़ा सकते तो लोन की अवधि बढ़ा सकते हैं। इससे मासिक बोझ नहीं बढ़ेगा लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना होगा।
- EMI और अवधि दोनों थोड़ा-थोड़ा बढ़ाएं – अगर आप दोनों में थोड़ा-थोड़ा बदलाव करें तो बैलेंस बना रहेगा और ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
इन नए नियमों से मिलेंगे कई फायदे
- ग्राहकों को अब लचीलापन मिलेगा – अब बैंक आपके लिए नहीं, बल्कि आप खुद तय करेंगे कि आपको EMI बढ़ानी है या लोन की अवधि।
- ब्याज में होगी बचत – अगर आप EMI बढ़ाते हैं और समय पर भुगतान करते हैं, तो आपको काफी ब्याज की बचत होगी।
- फाइनेंशियल प्लानिंग में आसानी – अब आप अपने हिसाब से लोन की योजना बना सकते हैं। इससे आपकी जेब पर भी एक साथ बोझ नहीं पड़ेगा।
होम लोन लेने से पहले ध्यान देने वाली बातें
अगर आप अब होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें:
- अपनी इनकम और खर्चों का मूल्यांकन करें – पहले ये तय करें कि आपकी कितनी आमदनी है, कितने खर्चे हैं और EMI भरने की क्षमता कितनी है।
- सिर्फ एक बैंक पर भरोसा न करें – कई बैंकों से ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस और बाकी शर्तों की तुलना जरूर करें।
- क्रेडिट स्कोर सुधारे – एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको कम ब्याज पर लोन दिला सकता है। इसलिए समय पर बिल भरें और बकाया कम रखें।
- लोन की अवधि कम रखें – कोशिश करें कि कम समय का लोन लें ताकि ब्याज भी कम देना पड़े।
- लोन बीमा जरूर लें – अगर अचानक कोई मुसीबत आ जाए जैसे नौकरी जाना या मृत्यु, तो बीमा आपकी मदद करेगा।
- एग्रीमेंट ध्यान से पढ़ें – लोन से जुड़ी हर बात जैसे कि प्रीपेमेंट चार्ज, लेट फीस और नियमों को ध्यान से समझें।
RBI के ये नए नियम उन सभी के लिए फायदेमंद हैं जिन्होंने होम लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं। अब ग्राहक के हाथ में होगा कि उसे क्या बेहतर लगता है – EMI बढ़ाना, टेन्योर बढ़ाना या दोनों में बैलेंस बनाना। इससे न सिर्फ मासिक खर्चों पर कंट्रोल रहेगा, बल्कि ब्याज में भी बचत होगी।
अगर आप भी लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो ये सही समय है अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से सोच-समझकर फैसला लेने का। थोड़ा स्मार्ट सोचिए और ऐसे विकल्प चुनिए जो आपके लिए लंबे समय में फायदे का सौदा बनें।