Electricity Rate Hike – अगर आप भी हर महीने करीब 300 यूनिट बिजली का इस्तेमाल करते हैं, तो मई का बिल देखने के बाद आपके होश उड़ सकते हैं। वजह है बिजली की बढ़ी हुई कीमतें और नए नियम, जो इस महीने से लागू हो गए हैं। अब न सिर्फ यूनिट रेट बढ़ा है, बल्कि “टाइम ऑफ द डे” टैरिफ नाम का नया सिस्टम भी लागू हो गया है, जिससे कुछ खास घंटों में बिजली की दरें ज्यादा हो गई हैं।
क्या है बढ़ोतरी की वजह?
दरअसल, बिजली कंपनियों ने दो हिस्सों में रेट बढ़ाया है। पहला है फ्यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज, जो कि 4.67 प्रतिशत तक पहुंच गया है। दूसरा है टैरिफ वृद्धि, जो 3.46 प्रतिशत की गई है। दोनों को मिलाकर कुल 8 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है।
इसका सीधा मतलब है कि अगर आप पहले 300 यूनिट बिजली पर ₹1200 का बिल देते थे, तो अब करीब ₹1400 देना पड़ सकता है। यानी महीने के बिल में लगभग ₹200 की सीधी मार पड़ेगी।
क्या है टाइम ऑफ द डे टैरिफ सिस्टम?
मई से जो नया सिस्टम लागू हुआ है, उसे टाइम ऑफ द डे टैरिफ कहा जाता है। इसके तहत अब बिजली की दर हर वक्त एक जैसी नहीं रहेगी। सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक, इन पीक घंटों में बिजली की कीमत 20 प्रतिशत ज्यादा हो जाएगी।
अगर आपको रोज इसी समय में गीजर, वॉशिंग मशीन, मोटर जैसी भारी चीजें चलाने की आदत है, तो अब ज्यादा बिल के लिए तैयार रहें। क्योंकि इन घंटों में औसतन प्रति यूनिट 67 पैसे ज्यादा देने पड़ सकते हैं।
कब तक लागू रहेगा फ्यूल सरचार्ज?
यह सरचार्ज 24 अप्रैल से लेकर 23 मई तक के लिए तय किया गया है। इस बार यह 3.92 प्रतिशत रखा गया है, लेकिन पिछले महीने जो 0.75 प्रतिशत घटाया गया था, उसे जोड़कर कुल सरचार्ज 4.67 प्रतिशत हो गया है।
सरचार्ज क्यों लगाया जाता है?
सरचार्ज का सीधा सा मतलब है कि बिजली बनाने और बाहर से खरीदने में जितना खर्च आ रहा है, उसकी भरपाई उपभोक्ताओं से की जाए। 2021 में मप्र विद्युत नियामक आयोग ने यह नियम बदल दिया था, जिससे अब बिजली वितरण कंपनियां हर महीने बिना मंजूरी के यह सरचार्ज लागू कर सकती हैं।
अब क्या करें कि बिल न बढ़े?
बिजली के बढ़ते बिल से बचना नामुमकिन नहीं है, बस थोड़ा स्मार्ट बनना होगा।
- भारी बिजली वाले उपकरण जैसे मोटर, वॉशिंग मशीन, गीजर आदि को पीक टाइम के बाहर इस्तेमाल करें।
- LED लाइट, इन्वर्टर AC, और अन्य एनर्जी एफिशिएंट उपकरण इस्तेमाल करें।
- स्मार्ट मीटर लगवाएं ताकि रियल टाइम डेटा से खपत का पता चलता रहे।
- सोलर पैनल और बैटरी स्टोरेज लगवाकर ग्रिड से निर्भरता कम करें।
- टाइमर और ऑटोमेशन का इस्तेमाल करके अपने उपकरणों को कम दर वाले समय में चलाएं।
TOD टैरिफ में अब आम लोग भी शामिल
पहले यह सिस्टम सिर्फ उद्योगपतियों पर लागू होता था, लेकिन अब एक लाख घरेलू उपभोक्ताओं को भी इसके दायरे में लाया गया है। यानी अब आम लोग भी पीक टाइम में ज्यादा दरों पर बिजली लेंगे। इससे जाहिर है कि हर महीने का बिल पहले से ज्यादा आने वाला है।
भोपाल में स्मार्ट मीटर की स्थिति
भोपाल में स्मार्ट मीटर लगाने का काम भी चल रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि यहां 2.86 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएं, लेकिन अब तक सिर्फ 50 हजार मीटर ही लगाए जा सके हैं। स्मार्ट मीटर से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आपको हर समय यह पता रहेगा कि आपने कितनी यूनिट कब और कैसे खर्च की है।
सरचार्ज तय कैसे होता है?
पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि फ्यूल सरचार्ज हर महीने तय होता है और इसे सीधे ऊर्जा शुल्क में जोड़ दिया जाता है। पिछले महीने जो कटौती हुई थी, वो भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा थी।
अगर आप बिना तैयारी के मई महीने में बिजली खर्च कर रहे हैं, तो बिल के झटके के लिए तैयार रहिए। अब सिर्फ यूनिट की गिनती ही नहीं, बल्कि खपत का समय भी ध्यान में रखना होगा। बिजली की नई दरें और टाइम-ऑफ-द-डे टैरिफ आम उपभोक्ताओं पर सीधा असर डालेंगे। ऐसे में स्मार्ट प्लानिंग और थोड़ी सी जागरूकता से आप अपने बिल को काफी हद तक कंट्रोल में रख सकते हैं।