UPI Payments – भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के साथ ही साइबर क्रिमिनल्स भी सक्रिय हो गए हैं। अब उन्होंने पेट्रोल पंपों पर होने वाले यूपीआई या डेबिट-क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को अपना निशाना बना लिया है। इस नए साइबर फ्रॉड के कारण देश भर के पेट्रोल पंप मालिकों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए, कई पेट्रोल पंप मालिकों ने 10 मई 2025 से यूपीआई और कार्ड पेमेंट्स पर रोक लगाने का फैसला लिया है।
साइबर फ्रॉड के कारण बढ़ रही परेशानी
भारत में डिजिटल पेमेंट्स का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, लेकिन हालिया साइबर फ्रॉड ने इस सिस्टम को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खासकर पेट्रोल पंपों पर साइबर क्रिमिनल्स ने ग्राहकों और दुकानदारों दोनों को धोखा देने का नया तरीका ढूंढ लिया है। इस धोखाधड़ी के कारण अब पेट्रोल पंप मालिकों ने यूपीआई और डेबिट-क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स को बंद करने का फैसला लिया है। इससे लाखों गाड़ी मालिकों को दिक्कत हो सकती है, क्योंकि आजकल ज्यादातर लोग पेट्रोल पंप पर डिजिटल तरीके से पेमेंट करते हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
बढ़ते साइबर फ्रॉड के कारण पेट्रोल पंप मालिकों के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। देश के कई शहरों में पेट्रोल पंप मालिकों को पहले ही इस फ्रॉड का सामना करना पड़ा था, जिसमें उन्होंने कई बार बड़े पैमाने पर नुकसान उठाया था। यही कारण है कि अब 10 मई से देशभर के पेट्रोल पंपों पर डिजिटल ट्रांजेक्शन पर रोक लगाई जा रही है। हालांकि, यह निर्णय लाखों गाड़ी मालिकों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकता है, लेकिन यह कदम उनके और पेट्रोल पंप मालिकों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी है।
नागपुर में डिजिटल पेमेंट्स पर रोक
महाराष्ट्र के नागपुर में पेट्रोल पंप मालिकों ने डिजिटल पेमेंट्स पर रोक लगाने का फैसला किया है। यह कदम साइबर क्रिमिनल्स की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए उठाया गया है। दरअसल, विदर्भ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, साइबर फ्रॉड के कारण पेट्रोल पंप मालिकों को लगातार वित्तीय नुकसान हो रहा था। इस कारण उन्होंने यह निर्णय लिया कि अब किसी भी प्रकार का डिजिटल पेमेंट स्वीकार नहीं किया जाएगा।
डिजिटल पेमेंट्स का बढ़ता चलन
आजकल पेट्रोल पंपों पर 60 प्रतिशत से ज्यादा पेमेंट्स डिजिटल तरीके से किए जाते हैं। इसका मतलब है कि ग्राहकों की एक बड़ी संख्या यूपीआई और डेबिट-क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके पेट्रोल का भुगतान करती है। लेकिन अब इस पेमेंट सिस्टम को बंद करना कई लोगों के लिए मुश्किल साबित हो सकता है। खासकर उन गाड़ी मालिकों के लिए जो डिजिटल पेमेंट्स को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि उनके लिए यह तरीका सुविधाजनक और तेज है।
साइबर क्रिमिनल्स का बढ़ता खतरा
यह कोई पहली बार नहीं है कि साइबर फ्रॉड के कारण पेट्रोल पंप मालिकों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी, नागपुर के पेट्रोल पंप मालिकों ने कई बार ऐसे फ्रॉड का सामना किया था, जिसमें उनके खाते से पैसे गायब हो गए थे। शुरू में यह नुकसान छोटे पैमाने पर था, लेकिन अब जब यह बड़े पैमाने पर होने लगा, तो पेट्रोल पंप मालिकों ने अपने नुकसान को रोकने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है।
क्या है असली खतरा?
साइबर क्रिमिनल्स ने अब पेमेंट गेटवे और यूपीआई सिस्टम में तकनीकी खामियों का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। वे डिजिटल पेमेंट्स को गायब कर देते हैं या उसे रिवर्स कर देते हैं, जिससे पेट्रोल पंप मालिकों को लाखों रुपये का नुकसान हो जाता है। यही कारण है कि पेट्रोल पंप मालिक अब डिजिटल पेमेंट्स से बचने के लिए सचेत हो गए हैं और फिलहाल इस पर रोक लगाने का फैसला किया है।
क्या उम्मीद की जा सकती है?
हालांकि, 10 मई से डिजिटल पेमेंट्स पर रोक लगाने से लोग परेशान हो सकते हैं, लेकिन यह कदम साइबर फ्रॉड के मामलों को कम करने में मदद करेगा। पेट्रोल पंप मालिकों ने यह कदम अपनी सुरक्षा के लिए उठाया है, ताकि वे और उनके ग्राहक किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकें। हालांकि, इस समस्या का एक समाधान यह भी हो सकता है कि पेट्रोल पंपों को साइबर सुरक्षा में सुधार करना चाहिए और ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट्स के लिए सुरक्षित प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहिए।
आगे का रास्ता: क्या मिलेगा समाधान?
जब तक साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक डिजिटल पेमेंट्स पर इस तरह के खतरे बने रहेंगे। इसलिए, पेट्रोल पंप मालिकों और ग्राहकों को जागरूक रहना बेहद जरूरी है। ग्राहक जब भी डिजिटल पेमेंट करें, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सुरक्षित नेटवर्क पर हैं और पेमेंट प्लेटफॉर्म में कोई खामी नहीं है।
साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों ने पेट्रोल पंपों पर यूपीआई और कार्ड पेमेंट्स पर रोक लगाने के फैसले को मजबूर कर दिया है। इससे लाखों गाड़ी मालिकों को दिक्कत हो सकती है, लेकिन यह कदम सुरक्षा के लिहाज से जरूरी था। साइबर क्रिमिनल्स के इस नए तरीके से निपटने के लिए पेट्रोल पंप मालिकों को इस तरह के कदम उठाने पड़े हैं। अब देखना यह है कि इस समस्या का हल कब निकलता है और लोग कब फिर से सुरक्षित डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग कर पाएंगे।