Highway House Rules – अगर आप सोच रहे हैं कि शहर की भीड़भाड़ से दूर किसी हाईवे के किनारे घर बनाकर शांति की जिंदगी बिताई जाए, तो रुकिए और पहले पूरी जानकारी जरूर ले लीजिए। जितना आसान ये सपना दिखता है, असल में उतनी ही सावधानी की जरूरत भी होती है। बहुत सारे लोग बिना नियम जाने हाईवे के पास मकान बना लेते हैं, और बाद में सरकार की तरफ से नोटिस, जुर्माना या तोड़फोड़ जैसी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं, तो पहले हाईवे से जुड़े नियमों को जरूर समझ लें।
हाईवे के पास घर बनाने के नियम क्या हैं?
सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI ने कुछ सख्त नियम बनाए हैं, जिन्हें हर किसी को मानना जरूरी होता है। जैसे कि आप हाईवे से कितनी दूरी पर मकान बना सकते हैं, उसका एक तय मापदंड होता है जिसे ‘सेटबैक’ कहा जाता है। यह दूरी आमतौर पर 25 मीटर से 75 मीटर के बीच होती है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि वो नेशनल हाईवे है, स्टेट हाईवे है या एक्सप्रेसवे।
इसके अलावा, मकान बनाने से पहले नक्शा पास कराना जरूरी होता है, जिसमें ये दिखाना होता है कि हाईवे से कितनी दूरी पर निर्माण किया जा रहा है। अगर मकान कमर्शियल इस्तेमाल के लिए है, तो और भी सख्त नियम लागू होते हैं। बिना अनुमति अगर आप निर्माण करते हैं, तो आपका घर अवैध माना जाएगा और कभी भी गिराया जा सकता है।
हाईवे के पास घर बनाना क्यों रिस्की हो सकता है?
सबसे पहली बात तो यही है कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया, तो कानूनी दिक्कत आ सकती है। आपको नोटिस मिल सकता है, मकान पर ताला लग सकता है, या फिर सरकारी अफसर मकान गिरा भी सकते हैं।
दूसरी परेशानी होती है एक्सीडेंट का खतरा। हाईवे पर गाड़ियां बहुत तेज चलती हैं, ऐसे में छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बना रहता है। ऊपर से अगर आपका घर सीधा हाईवे से जुड़ा है, तो उसमें ट्रैफिक की दिक्कतें भी आती हैं।
तीसरा बड़ा कारण है शोर और प्रदूषण। हाईवे के किनारे लगातार गाड़ियों की आवाज, धूल और धुआं आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं। कई बार लोग शांति के लिए घर बनाते हैं, लेकिन हाईवे के पास जाकर उन्हें नींद भी नहीं आती।
क्या करना चाहिए अगर आप हाईवे के पास मकान बनाना चाहते हैं?
अगर आपने ठान ही लिया है कि आपको हाईवे के पास ही घर बनाना है, तो सबसे पहले ये चेक करें कि आपकी जमीन किस ज़ोन में आती है। इसके लिए आप अपने इलाके की पंचायत या नगर निगम से संपर्क कर सकते हैं। फिर जिला टाउन प्लानिंग ऑफिस में जाकर मकान का नक्शा पास करवाना होगा।
इसके बाद NHAI से NOC यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है। और जब आप रजिस्ट्री कराने जाएं, तो स्थानीय रजिस्ट्रार से ये सुनिश्चित कर लें कि निर्माण की दूरी हाईवे से तय नियम के अनुसार है या नहीं।
सेटबैक की जानकारी – एक नजर में
- नेशनल हाईवे: कम से कम 25 मीटर की दूरी जरूरी
- स्टेट हाईवे: 15 से 20 मीटर
- ग्रामीण सड़क: 5 से 10 मीटर
- एक्सप्रेसवे: कम से कम 75 मीटर, नियम और सख्त होते हैं
अगर आप कमर्शियल मकान बनाना चाहते हैं, तो इन दूरीयों में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। हर राज्य में ये नियम थोड़े अलग हो सकते हैं, इसलिए लोकल अथॉरिटी से जानकारी जरूर लें।
क्या फायदा होता है अगर सब नियम फॉलो करें?
- सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि आप कानूनी दिक्कतों से बचे रहते हैं।
- हाईवे से कनेक्टिविटी अच्छी होती है, जिससे कहीं भी आना-जाना आसान हो जाता है।
- भविष्य में प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ सकती है, जिससे अच्छा रिटर्न भी मिल सकता है।
- अगर कमर्शियल यूज की मंजूरी मिल जाए, तो दुकान या रेस्टोरेंट से अच्छा बिजनेस भी हो सकता है।
तो अगर आप भी हाईवे के पास घर बनाना चाहते हैं, तो जल्दबाज़ी न करें। पहले सभी सरकारी नियमों की पूरी जानकारी लें, मंजूरियां हासिल करें और फिर ही निर्माण शुरू करें। याद रखें, एक सही कदम आपकी जिंदगीभर की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।