Land Registration Rules – अब जमीन खरीदना और रजिस्टर कराना पहले जितना महंगा और पेचीदा नहीं रह गया है। सरकार ने आम आदमी के सपने को पूरा करने के लिए जमीन रजिस्ट्रेशन को बहुत सस्ता और आसान बना दिया है। 26 अप्रैल 2025 से जो नए नियम लागू हुए हैं, उनके बाद अब आप जमीन का रजिस्ट्रेशन महज पचास से सौ रुपए के बीच करवा सकते हैं। चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि इस बदलाव का फायदा किसे मिलेगा और इसका प्रोसेस क्या रहेगा।
क्या है नया नियम
सरकार ने साफ कर दिया है कि अब जमीन रजिस्ट्रेशन के लिए न्यूनतम शुल्क बेहद कम कर दिया गया है। खासकर गांवों और कम कीमत वाली जमीन के लिए यह बहुत बड़ी राहत है। साथ ही अब रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो गई है ताकि लोग आसानी से घर बैठे ही यह काम कर सकें। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बिचौलियों का खेल खत्म होगा और रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता आएगी।
पहले और अब के शुल्क में फर्क
पहले जब भी कोई जमीन खरीदता था तो रजिस्ट्रेशन के नाम पर हजारों रुपए देने पड़ते थे। न्यूनतम शुल्क भी एक हजार से पांच हजार तक होता था। ऊपर से अलग से स्टांप ड्यूटी और एजेंट का खर्चा। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। अब शहरी इलाकों में भी स्टांप ड्यूटी चार से पांच प्रतिशत कर दी गई है और ग्रामीण इलाकों में केवल पचास से सौ रुपए में काम हो जाएगा। खास बात यह है कि डिजिटल फॉर्म भरने पर कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं लगेगा और महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों को अलग से छूट दी जाएगी।
कैसे करें जमीन का डिजिटल रजिस्ट्रेशन
सरकार ने पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर दिया है। अब तहसील या रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। पूरा प्रोसेस कुछ इस तरह रहेगा:
- सबसे पहले राज्य सरकार की वेबसाइट पर जाएं
- वहां ‘भूमि रजिस्ट्रेशन’ या ‘Land Registration’ वाले सेक्शन में जाएं
- जो भी जरूरी दस्तावेज हैं जैसे सेल डीड, खतौनी, उन्हें अपलोड करें
- नया निर्धारित शुल्क ऑनलाइन भरें जो पचास या सौ रुपए के बीच रहेगा
- डिजिटल हस्ताक्षर करें और सबमिट कर दें
- आवेदन पूरा होने के बाद आपको डिजिटल रसीद मिलेगी जिसे डाउनलोड कर लें
इस पूरी प्रक्रिया में न तो आपको एजेंट की जरूरत पड़ेगी और न ही आपको कई बार ऑफिस के चक्कर काटने होंगे।
किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
सबसे ज्यादा राहत उन लोगों को मिलेगी जो पहले महंगे रजिस्ट्रेशन की वजह से जमीन खरीदने से कतराते थे। खासकर गांव के छोटे किसान, गरीब परिवार, महिलाएं और बुजुर्ग नागरिक इस नए नियम से सीधा फायदा उठा पाएंगे। अब बिना ज्यादा खर्च किए, लोग अपनी जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करा सकते हैं।
सरकार का मकसद
सरकार चाहती है कि हर जमीन का रजिस्ट्रेशन हो ताकि फर्जीवाड़ा बंद हो सके। पहले दलाल और बिचौलियों के जरिए काम करवाना पड़ता था, जिससे भ्रष्टाचार भी होता था। अब डिजिटल सिस्टम से सब कुछ ट्रैक हो सकेगा और गलत दस्तावेजों पर भी लगाम लगेगी। साथ ही लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा कि उनकी जमीन पूरी तरह सुरक्षित है।
जरूरी दस्तावेज कौन से चाहिए
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पुराना जमीन से संबंधित कोई भी दस्तावेज जैसे खतौनी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- सेल डीड यानी बिक्री का एग्रीमेंट
- बैंक पासबुक या अकाउंट डिटेल्स
कुछ जरूरी सावधानियां
- जमीन का रजिस्ट्रेशन करने से पहले उसकी वैधता की अच्छे से जांच कर लें
- केवल राज्य सरकार की अधिकृत वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें
- किसी भी एजेंट को अपना लॉगिन पासवर्ड या ओटीपी न बताएं
- डिजिटल रसीद को सुरक्षित रखें ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो
- विवादित जमीनों से बचें और म्युटेशन और नक्शा सत्यापन जरूर कराएं
अब जमीन खरीदना कोई मुश्किल काम नहीं रहा। सरकार के नए नियमों से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। अगर आप भी अपना सपना पूरा करना चाहते हैं तो यह सही मौका है। बिना किसी परेशानी के, कम खर्च में, मोबाइल से घर बैठे अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन कराएं और मालिकाना हक को सुरक्षित करें।