RBI CIBIL Score New Rule – अगर आप भविष्य में होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन लेने का सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। RBI ने CIBIL स्कोर से जुड़े कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनके चलते अब लोन अप्रूवल की प्रक्रिया पहले से ज्यादा सख्त हो गई है। अब सिर्फ स्कोर देखकर लोन नहीं मिलेगा, बल्कि आपकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री को गहराई से जांचा जाएगा।
CIBIL स्कोर होता क्या है?
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और वित्तीय व्यवहार के आधार पर तय होता है। ये स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। 750 से ऊपर का स्कोर बहुत अच्छा माना जाता है, जबकि 650-749 औसत से अच्छा होता है। अगर स्कोर 550 से नीचे है, तो उसे कमजोर श्रेणी में रखा जाता है, और लोन मिलना मुश्किल हो जाता है।
RBI ने क्या नया नियम लागू किया है?
अब RBI ने बैंकों और NBFCs को निर्देश दिया है कि वे लोन देते समय सिर्फ स्कोर नहीं, बल्कि कस्टमर की पूरी क्रेडिट रिपोर्ट का एनालिसिस करें। अगर आपका स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो ही बड़े लोन के लिए प्राथमिकता मिलेगी। वहीं 650 से नीचे के स्कोर वाले लोगों को लोन देने से पहले बैंक और भी सख्त जांच करेंगे। अब सिर्फ स्कोर ही नहीं, EMI चुकाने का रिकॉर्ड, क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल की आदतें और पुराने डिफॉल्ट भी ध्यान में लिए जाएंगे।
RBI ने ये बदलाव क्यों किए हैं?
पिछले कुछ वर्षों में बैंकों को डिफॉल्ट यानी NPA (Non Performing Assets) की वजह से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कई लोगों को लोन दिए गए जो उसे समय पर नहीं चुका पाए। ऐसे में RBI का यह कदम बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित करने और फाइनेंशियल डिसिप्लिन बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
नया नियम आम लोगों को कैसे प्रभावित करेगा?
अब अगर आपका CIBIL स्कोर अच्छा नहीं है, तो लोन मिलना काफी मुश्किल हो सकता है। नौकरीपेशा लोगों को होम या पर्सनल लोन लेने में परेशानी होगी। व्यापारी वर्ग के लिए बिजनेस लोन की शर्तें सख्त हो जाएंगी। छात्रों को एजुकेशन लोन लेने से पहले को-एप्लिकेंट (जैसे माता-पिता) की क्रेडिट हिस्ट्री चेक की जाएगी। कुल मिलाकर, सभी वर्गों को अब क्रेडिट स्कोर और भुगतान की आदतों को लेकर अधिक सजग रहना होगा।
CIBIL स्कोर सुधारने के आसान तरीके
अगर आपका स्कोर कम है तो चिंता की बात नहीं है। इसे सुधारा जा सकता है – बस कुछ आदतें सुधारनी होंगी। हमेशा समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करें। एक से ज्यादा लोन लेने से बचें और क्रेडिट कार्ड की लिमिट का पूरा उपयोग न करें – 30-40% के अंदर रहना बेहतर है। पुराने लोन क्लोज होने के बाद CIBIL में अपडेट करवाना न भूलें। और हां, बार-बार लोन के लिए अप्लाई न करें, इससे स्कोर और गिर सकता है।
एक सच्ची कहानी – जब स्कोर गिरा और लोन नहीं मिला
मुंबई के टैक्सी ड्राइवर सुरेश जी ने 2019 में ₹60,000 का लोन लिया था। शुरुआत में उन्होंने EMI टाइम पर चुकाई, लेकिन कोविड के दौरान कुछ किस्तें मिस हो गईं और उनका स्कोर 710 से गिरकर 610 हो गया। 2023 में जब उन्होंने फिर से लोन के लिए अप्लाई किया, तो उन्हें मना कर दिया गया। अब वे अपनी EMI समय पर चुकाकर स्कोर सुधारने में लगे हुए हैं।
लोन लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें
लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट एक बार अच्छे से देख लें। अगर कोई गलती है तो उसे CIBIL से ठीक करवा लें। बिना जरूरत बार-बार अप्लाई न करें और ये तय करें कि आपकी चुकाने की क्षमता है या नहीं। सोच-समझकर लोन लेने का फैसला लें।
बैंकों की लोन अप्रूवल प्रक्रिया में क्या बदलाव आए हैं?
पहले बैंक सिर्फ CIBIL स्कोर देखकर लोन दे देते थे, लेकिन अब पूरी रिपोर्ट का एनालिसिस होगा। पहले 650 का स्कोर काफी होता था, अब 750+ को ही प्राथमिकता मिलेगी। EMI चुकाने का इतिहास पहले नजरअंदाज किया जाता था, अब हर पेमेंट की हिस्ट्री चेक होगी। पुराने डिफॉल्ट्स पर अब बारीकी से नजर रखी जाएगी और लोन अप्रूवल में ज्यादा समय लगेगा।
RBI के इस कदम से बैंकिंग सिस्टम मजबूत होगा, लेकिन आम लोगों को अब और ज़िम्मेदार बनना पड़ेगा। अगर आप भविष्य में लोन लेना चाहते हैं, तो अभी से EMI और बिल्स को समय पर चुकाने की आदत डालें। फाइनेंशियल डिसिप्लिन ही आपकी क्रेडिट हेल्थ को अच्छा बनाए रखेगा।