रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की खबर पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी – जानिए सरकार जवाब Retirement Age Hike

Retirement Age Hike – पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर चर्चा थी कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने वाली है। कई जगहों पर यह खबर घूम रही थी कि 60 की बजाय अब 62 या 65 साल में रिटायरमेंट होगा। इस अफवाह ने बहुत से कर्मचारियों को असमंजस में डाल दिया था। लेकिन अब खुद सरकार ने संसद में इस मुद्दे पर पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है।

सरकार का सीधा जवाब – कोई बदलाव नहीं

राज्यसभा में जब यह सवाल उठा कि क्या सरकार रिटायरमेंट की उम्र में कोई बदलाव करने जा रही है या कोई नई पॉलिसी लागू करने की योजना है, तो केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने साफ शब्दों में कहा – फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार न तो रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है और न ही किसी नई योजना को लागू करने की तैयारी है।

सांसद तेजवीर सिंह ने पूछा था सवाल

दरअसल, बीजेपी के सांसद तेजवीर सिंह ने राज्यसभा में दो अहम सवाल पूछे थे। पहला – क्या केंद्र सरकार जल्दी रिटायरमेंट की कोई नीति बना रही है? और दूसरा – क्या जो कर्मचारी देर से रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, उनके लिए कोई विकल्प मौजूद है? इन दोनों ही सवालों पर सरकार ने ‘नहीं’ में जवाब दिया है।

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मतलब साफ है – न जल्दी रिटायरमेंट की योजना है और न देर से रिटायरमेंट की सुविधा। जो वर्तमान नियम हैं, वहीं लागू रहेंगे।

अलग-अलग विभागों में अलग नियम

आपको बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की उम्र विभाग और पद के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। सामान्य तौर पर ज्यादातर केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल होती है। लेकिन कुछ खास पदों पर यह उम्र ज्यादा होती है, जैसे कि विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर 65 साल तक सेवा कर सकते हैं और सुप्रीम कोर्ट के जज भी 65 साल तक अपने पद पर रहते हैं। वहीं, हाई कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र 62 साल तय है।

वीआरएस का विकल्प खुला है

हालांकि रिटायरमेंट की उम्र में कोई बदलाव नहीं हो रहा है, लेकिन जो कर्मचारी समय से पहले सेवा छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प पहले से ही उपलब्ध है। इसके लिए कुछ तय मापदंड होते हैं, जिन्हें पूरा करके कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह पूरी तरह कर्मचारी की अपनी मर्जी पर निर्भर करता है, सरकार की तरफ से कोई दबाव नहीं है।

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सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले लाभ

रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे आर्थिक लाभ मिलते हैं, जो उनके बाद के जीवन को सुरक्षित और आरामदायक बनाने में मदद करते हैं। इसलिए रिटायरमेंट एक बहुत ही अहम मोड़ होता है, जिस पर हर कर्मचारी पहले से तैयारी करता है। यह जरूरी होता है कि कर्मचारी समय रहते अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग, हेल्थ इंश्योरेंस और अन्य जरूरी चीजों का ख्याल रखें।

रिटायरमेंट प्लानिंग जरूरी

चूंकि सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अभी किसी तरह का बदलाव नहीं होने जा रहा, इसलिए कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छा मौका है कि वे अपनी मौजूदा रिटायरमेंट पॉलिसी के हिसाब से ही अपनी योजनाएं बनाएं। कई बार अफवाहों की वजह से लोग भ्रम में आ जाते हैं और जरूरी फैसले लेने से कतराने लगते हैं। लेकिन अब स्थिति साफ है।

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अफवाहों पर अब लग गया विराम

सरकार के इस बयान के बाद यह तय हो गया है कि रिटायरमेंट की उम्र में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। न तो उम्र बढ़ेगी, न घटेगी, और न ही समय से पहले सेवानिवृत्ति की कोई मजबूरी होगी। हर कर्मचारी मौजूदा नियमों के तहत ही रिटायर हो सकेगा।

इसलिए अगर आप केंद्रीय कर्मचारी हैं, तो अब किसी तरह की खबर या चर्चा में उलझने की जरूरत नहीं है। जो पॉलिसी इस वक्त लागू है, वही आगे भी चलती रहेगी – जब तक सरकार कुछ नया घोषित न करे। फिलहाल तो राहत की बात यही है कि सब कुछ पहले जैसा ही रहेगा।

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